Tuesday, October 13, 2009

एड्स रोगियों की बढ़ती तादाद - संजय साजन


आज कोडरमा समेत राज्य के विभिन्न जिलों गिरिडीह, चतरा, हजारीबाग, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ समेत अन्य जिलों के हजारों बेरोजगार युवक रोजी-रोटी के जुगाड़ हेतु काम की तलाश में मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई की ओर बड़ी तेजी से रूख कर रहे हैं, और वहां से लौटने के क्रम में वे सौगात के रूप में 'एड्स' जैसी घातक बीमारी साथ ला रहे हैं.
बताया जाता है कि काम की तलाश में महानगरों में पहुंचे युवक गलत संगत में पड़कर तथा अपनी इच्छा और भूख मिटाने के लिए 'रेड-लाइट' एरिया का रूख करते हैं. जहां वे युवक जिस्मानी भूख मिटाने के चक्कर में खुद अपनी जवानी को मौत के कुंए में धकेलने को विवश हैं.
आज पूरे राज्य में एड्स पीड़ितों की संख्या में व्यापक इजाफा हुआ है, लेकिन सरकार के रहनुमा व गैर सरकारी संगठनों के लोग भी इस बावत आगे नहीं आ रहे हैं. नतीजा एड्स संक्रमण के कारण पीड़ित अपनी जीवन-लीला को धीरे-धीरे जाते स्वयं देखने को बाध्य हैं.
जानकारी के अनुसार अकेले कोडरमा जिले में ही अब तक इस एड्स नामक बीमारी की चपेट में आने से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें कोडरमा जिले के डोमचांच ओपी क्षेत्र में ही आठ एड्स मरीजों के मरने की सूचना है, जबकि मरकच्चो प्रखंड क्षेत्रों, जयनगर, चंदवारा, सतगांवा तथा निकट के गांव पीहरा में लगभग 15 लोगों की मौत इस खतरनाक बीमारी की वजह से होने की सूचना है. इससे एक बात साफ होती है कि एड्स का कहर आज पूरे झारखंड में फैलता जा रहा है और जिस तेजी से इसका फैलाव हो रहा है. इसे यदि नहीं रोका गया तो वह दिन दूर नहीं जब इसकी संख्या कई गुणा बढ़ जायेगी.
इस बावत अगर झारखंड एड्स कंट्रोल सोसायटी के द्वारा विगत दिनों के आंकड़े पर गौर करें तो उसमें बताया गया कि कुल आठ लोगों की मौत एड्स नामक बीमारी की वजह से हुई है जबकि संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े में यह संख्या कई गुणा अधिक बतायी गयी. यद्यपि विश्व स्तर पर एड्स संक्रमण के स्तर में गिरावट आयी है, किंतु कुछ देशों और क्षेत्रों में एड्स संक्रमण के मामले भी बढ़े हैं. आज विश्व में 3.95 करोड़ व्यक्ति एचआइवी संक्रमित है. 43 लाख नये मामले दर्ज किये गये. जिसमें 28 लाख मामले सब सहारा अफ्रीका के देशों में सामने आये. पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में भी एड्स के मामले में वृध्दि दर्ज की गयी. इन इलाकों में एड्स संक्रमण के मामले में वर्ष 2004 के मुकाबले 50 प्रतिशत की वृध्दि हुई. इस तरह एड्स जनित बीमारियों के कारण 30 लाख व्यक्तियों की मौत होने की बात संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बतायी गयी है. वर्ष 2001 में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम पर 1.6 अरब डॉलर व्यय सुनिश्चित किया गया. वहीं वर्ष '05 में यह राशि बढ़कर 8.3 अरब डॉलर कर दी गयी. यहां जारी रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष '08 तक इस कार्यक्रम पर 20 लाख डॉलर खर्च की आवश्यकता होगी. 11 अफ्रीकी देशों में से छह देशों की राजधानियों में 15.24 आयु वर्ग में एचआइवी संक्रमण के स्तर में 25 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी. रिपोर्ट में कहा गया कि एड्स जागरूकता अभियान में भी काफी तेजी आयी है. 58 देशों के 74 प्रतिशत प्राथमिक स्कूलों और 81 प्रतिशत माध्यमिक विद्यालयों में एड्स शिक्षा प्रदान की जा रही है. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने एड्स जागरूकता हेतु उड़ान नामक पुस्तक की पढ़ाई की भी योजना बनायी, लेकिन विरोध के बाद सरकार ने इस ओर से अपने हाथ खींच लिये. इस बावत दलित विकास बिंदु के अशोक सिंह तथा समर्पण संस्था के इंद्रमणि ने बताया कि जिले में तो कभी-कभी इस बावत जांच होती है, लेकिन दूर-दराज गांवों में बसने वाले वैसे परिवार की जांच नहीं हो पाती है जिसे दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पाती है. यहां इन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मी उग्रवाद का बहाना बनाकर जाते ही नहीं.

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